जब भारतीय मौसम विभाग, नई दिल्ली में स्थित, ने 21 अक्टूबर 2025 को 13:30 IST पर एक आधिकारिक प्रेस रिलीज़ जारी किया, तो तमिलनाडु और चेन्नई में गृहयुद्ध जैसा मौसम‑परिदृश्य घूम रहा था। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट 21‑24 अक्टूबर 2025 जारी कर, अगले चार दिनों में 21 से 20 सेमी तक भारी‑भारी बारिश की चेतावनी दी। यह अलर्ट पूरे दक्षिणी प्रायद्वीप को प्रभावित करने वाले नॉर्थ‑ईस्ट मोन्सून का एक हिस्सा है, और स्थानीय प्रशासन को तैयारियों में थकान की बूझ देता है।
सेवा‑इंटेलिजेंस के प्रमुख मृतुंजय मोहापात्रा की टीम ने बताया कि तमिलनाडु में 21‑22 अक्टूबर को ≥21 सेमी की "अत्यधिक भारी" बारिश होगी, जबकि केरल में 22 अक्टूबर को समान स्तर की बवंडर‑बारिश की संभावना है। उसी समय, दक्षिणी कर्नाटक, अंड्र प्रदेश के तटीय हिस्से और रायालासेमा में 7‑20 सेमी के बीच भारी‑भारी वर्षा का अनुमान लगाया गया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 32‑34 °C, न्यूनतम तापमान 18‑20 °C रहने की उम्मीद है, यानी तापमान में बदलाव न्यूनतम रहेगा लेकिन नमी की मार जड़ जमाएगी।
ऑरेंज अलर्ट का विवरण
अधिसंचालन में किरें रीजिजु (मंत्री, पृथ्वी विज्ञान) के तहत, IMD ने पूर्वानुमान के साथ संभावित क्षति का विस्तृत खाका पेश किया। मुख्य बिंदु:
- तमिलनाडु के पाँच दक्षिणी जिले – जहाँ 12‑20 सेमी की बहुत भारी बारिश की संभावना है – को ऑरेंज अलर्ट दिया गया।
- कोस्टल कर्नाटक, पश्चिमी कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश के 14 जिलों को हल्के‑मध्यम बारिश हेतु येलो अलर्ट मिला।
- भारी बारिश के कारण शहरी इलाकों में जल‑जमाव, टनल बंदी और सड़कों पर अस्थायी बाधा संभव है।
- बिजली भंडार, फसल‑बाजार और जल‑आपूर्ति पर असर दिख सकता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ बाढ़‑प्रवण भूमि है।
प्रभावित क्षेत्र और संभावित जोखिम
चेननई के चेन्नई को 21 अक्टूबर को हल्की बारिश का सामना करना पड़ेगा, लेकिन 23 अक्टूबर को यह सबसे अधिक वर्षा वाले दिन में बदल सकता है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण ट्रैफ़िक जाम, सार्वजनिक परिवहन में देरी और कम दृश्यता जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होंगी।
साथ ही, केरल के तटीय शहर थिरुवनंतपुरम, कर्नाटक के कोस्टल सगर्व हिल, और अंड्र प्रदेश के रायालासेमा में भी बाढ़‑संकट के संकेत मिले हैं। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में कच्चे रास्तों (कुचा रोड) और नदियों के किनारे जल‑स्तर में जल्दी‑जल्दी उछाल हो सकता है।
स्थानीय अधिकारियों और जनता की प्रतिक्रिया
डिजिटल मीडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित LiveChennai.com ने स्थानीय प्रशासन से कहा कि उन्होंने पहले ही सड़क‑परिशोधन कार्य शुरू कर दिए हैं और जल‑निकासी के लिए अतिरिक्त जेनरेटर्स तैनात किए हैं। वेबसाइट पर प्रकाशित एक अज्ञात मौसम विज्ञान अधिकारी के बयान में कहा गया, "जब बंगाल की खाड़ी में कोई डिप्रेशन नहीं रहता, तो हवा सीधे तमिलनाडु की ओर मोड़ लेती है, जिससे नॉर्थ‑ईस्ट मोन्सून की शुरुआत होती है।"
सिटीज़न ग्रुप, जो चेन्नई में भारी भीड़ वाले इलाकों में रहता है, ने बताया कि कई लोग अपने घरों में रैबाररी पैनल लगाकर पानी‑स्तर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। दोपहर‑शाम के समय में सार्वजनिक बसें और मेट्रो की नियमितता में देरी देखी गई, और टैक्सियों पर भी अतिरिक्त चार्ज लग रहा है।
इतिहास और मौसमी पृष्ठभूमि
नॉर्थ‑ईस्ट मोन्सून, जिसे आमतौर पर "केरल कोहरा" कहा जाता है, तमिलनाडु के वार्षिक वर्षा का 48 % और चेन्नई के 63 % का स्रोत है। पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में औसत वर्षा 45 सेमी (तमिलनाडु) और 87 सेमी (चेन्नई) दर्ज की गई थी। 2025 में 17 अक्टूबर तक चेन्नई ने 8 सेमी, जबकि तमिलनाडु ने 10 सेमी प्राप्त किया – जो सामान्य स्तर से क्रमशः 7 % कम और 38 % अधिक है।
अतिरिक्त रूप से, 24 अक्टूबर को दक्षिण‑पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक लो‑प्रेशर एरिया बनने की संभावना है, जो बाद में अधिक बारिश को बढ़ा सकता है। यह बदलाव पिछले वर्षों में दोहरी मोन्सून‑साइकल के रूप में देखा गया है, जिससे जल‑संकट की गंभीरता दुगनी हो जाती है।
आगे क्या उम्मीद की जाए
अभी तक मौसम विभाग ने कहा है कि 23 अक्टूबर को चेन्नई में सबसे अधिक बारिश होगी, लगभग 15‑20 सेमी तक। 24 अक्टूबर को लो‑प्रेशर एरिया के कारण बार-बार बूँदें गिर सकती हैं, जिससे निचले इलाकों में जल‑जमाव की स्थिति बनी रह सकती है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसानों को फसल‑सुरक्षा के लिए त्वरित उपाय करने चाहिए, जबकि शहर के नागरिकों को जल‑निकासी के लिए बुनियादी सतर्कता बरतनी चाहिए।
जैसे ही बारिश बढ़ती है, स्थानीय प्रशासन पुनः निरीक्षण करेगा, और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त राहत‑संसाधन, जैसे जेब‑बंदी और स्वास्थ्य‑सेवाएं, तैनात करेगा। नागरिकों को आदर्श रूप से घर में रहने, आवागमन से बचने और आपातकालीन नंबरों को सहेजने की सलाह दी गई है।
मुख्य तथ्य
- ऑरेंज अलर्ट 21‑24 अक्टूबर 2025, 5 तमिलनाडु जिलों में 12‑20 सेमी बारिश।
- केरल में 22 अक्टूबर को अत्यधिक भारी बारिश, 21 सेमी से अधिक।
- चेन्नई में सबसे अधिक बारिश 23 अक्टूबर को, अनुमानित 15‑20 सेमी।
- लो‑प्रेशर एरिया 24 अक्टूबर को दक्षिण‑पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन सकता है।
- न्यूनतम तापमान 18‑20 °C, अधिकतम तापमान 32‑34 °C, नमी 80 % से अधिक।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ऑरेंज अलर्ट से चेन्नई के दैनिक जीवन पर क्या असर पड़ेगा?
सड़क‑परिचालन में बाधा, सार्वजनिक परिवहन में देरी और जल‑जमाव के कारण कुछ क्षेत्रों में पहुँच कठिन हो सकती है। स्थानीय प्रशासन ने फोर‑वेज़ सड़कों को प्राथमिकता दी है, लेकिन निवासियों को घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
किसी कोर बाढ़ का जोखिम किन जिलों में अधिक है?
तमिलनाडु के पाँच दक्षिणी जिले – विशेष रूप से कर्नाकुंट, वेल्लोर, और दीनदयाल उपेन्द्र – तथा केरल के कोस्टल ज़ोन में बाढ़ की संभावना अधिक है। यहाँ की निचली भू‑सरंचना जल‑स्तर के तेज़ी से बढ़ने पर तेज‑बाढ़ को जन्म देती है।
कृषि क्षेत्र में किन फसलों को सबसे अधिक नुकसान हो सकता है?
धान, कन्ना, और आदि फसलें, जो बोने की अवधि में हैं, जल‑जमाव से उजड़ सकती हैं। मौसम विभाग ने किसानों को त्वरित निकासी व्यवस्था और सुभित्टी‑समर्थन देने की सलाह दी है।
लो‑प्रेशर एरिया बनना क्यों महत्वपूर्ण है?
बंगाल की खाड़ी में लो‑प्रेशर एरिया आगे की बवंडर‑बारिश को ट्रैक करता है, जिससे मौसमी ताकत में वृद्धि होती है। अगर यह एरिया विकसित होता है, तो किनारों के शहरों में अतिरिक्त 5‑10 सेमी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ जोखिम दोगुना हो जाता है।
रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को कैसे बचाया जा सकता है?
स्थानीय निकायों ने कुशल जल निकासी के लिए अस्थायी टैंकों और जहां‑जहां जल‑जमाव की संभावना है, वहाँ रेत‑बैरियर सहित सफाई कार्रवाई शुरू कर दी है। नागरिकों को भी ड्रेन क्लीनिंग में सहयोग करना चाहिए, ताकि जल‑भरण की स्थिति से बचा जा सके।