Mahindra BE 6e और XEV 9e भारत में लॉन्च: कीमत, रेंज और बुकिंग की पूरी जानकारी

Mahindra BE 6e और XEV 9e भारत में लॉन्च: कीमत, रेंज और बुकिंग की पूरी जानकारी

महिंद्रा की EV एंट्री: कीमत, बुकिंग, पोजिशनिंग

भारतीय बाजार में प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV सेगमेंट का सबसे नया नाम अब महिंद्रा है। कंपनी ने अपनी पहली बैटरी-इलेक्ट्रिक SUVs—Mahindra BE 6e और XEV 9e—लॉन्च कर दी हैं। दोनों INGLO इलेक्ट्रिक-ओनली स्केटबोर्ड प्लेटफॉर्म पर बनी हैं, यानी फ्रेम से लेकर बैटरी पैक तक हर चीज EV के हिसाब से डिजाइन की गई है। इससे पैसेंजर स्पेस, फ्लैट फ्लोर, और स्टोरेज जैसे फायदे सीधे दिखते हैं।

कीमत की बात करें तो BE 6e की शुरुआती ऑन-रोड कीमत (चेन्नई) करीब 20.36 लाख रुपये बताई गई है, जबकि XEV 9e की एंट्री कीमत (ऑन-रोड, चेन्नई) लगभग 23.59 लाख रुपये है। टॉप-स्पेक पैक थ्री वेरिएंट्स में कीमतें ऊपर जाती हैं—BE 6e का एक्स-शोरूम लगभग 24 लाख रुपये से शुरू होने का संकेत है, और XEV 9e का टॉप-स्पेक एक्स-शोरूम करीब 38 लाख रुपये से। यह स्ट्रैटेजी साफ करती है कि Mahindra ने सेगमेंट में आक्रामक एंट्री ली है लेकिन फीचर और परफॉर्मेंस के साथ प्रीमियम पोजिशनिंग भी बनाए रखी है।

रोलआउट प्लान चरणबद्ध है। टेस्ट ड्राइव 14 जनवरी 2025 से शुरू होंगी ताकि लोग कारों को ट्रैक्शन, राइड और रिजनरेटिव ब्रेकिंग जैसी खास चीजों के साथ महसूस कर सकें। प्रीमियम पैक थ्री वेरिएंट्स की बुकिंग 14 फरवरी 2025 से खुलेगी। कंपनी फेज 1 में हर महीने 5,000 यूनिट्स बनाने का लक्ष्य रखती है। बुकिंग के बाद डिलीवरी इसी फेज में शुरू होने की योजना है।

मार्केट पोजिशनिंग भी साफ है। BE 6e का निशाना Tata Curvv EV, MG ZS EV और आने वाली Maruti eVX व Hyundai Creta EV पर है। वहीं XEV 9e को प्रीमियम और बड़े SUV सेगमेंट में रखा गया है, जहां Tata Harrier EV और Safari EV की एंट्री तय मानी जा रही है। दो साइज और दो अलग प्राइस बैंड के साथ महिंद्रा ने अपने लिए बाजार का बड़ा हिस्सा आरक्षित कर लिया है।

डिजाइन, स्पेस, पावरट्रेन और रेंज: क्या मिलता है नया

डिजाइन, स्पेस, पावरट्रेन और रेंज: क्या मिलता है नया

आकार के हिसाब से BE 6e लंबाई में 4,371 मिमी है और XEV 9e 4,789 मिमी तक जाती है। दोनों का ग्राउंड क्लीयरेंस 207 मिमी है—हाईवे के स्पीडब्रेकर और खराब पैच पर यह फिगर काम आता है। स्टोरेज में भी EV आर्किटेक्चर का फायदा दिखता है: BE 6e में 455-लीटर बूट और 45-लीटर फ्रंक, जबकि XEV 9e में 663-लीटर बूट और 150-लीटर फ्रंक मिलता है। फैमिली यूज, लंबी ट्रिप या वीकेंड लोड—तीनों में यह स्पेस आराम से काम आ जाता है।

दोनों SUVs में 59 kWh और 79 kWh के बैटरी पैक विकल्प हैं। महिंद्रा के सर्टिफाइड आंकड़ों के हिसाब से BE 6e में 79 kWh पैक पर MIDC (पार्ट 1 और 2) के तहत अधिकतम 683 किमी तक की रेंज क्लेम की गई है, जबकि 59 kWh पैक पर रेंज 557 किमी तक है। XEV 9e के बड़े बैटरी पैक पर सर्टिफाइड रेंज 656 किमी तक जाती है। रियल-वर्ल्ड में रेंज ड्राइविंग स्टाइल, ट्रैफिक और टेरेन पर निर्भर करेगी, लेकिन क्लेम्ड नंबर से पैक की एफिशिएंसी और थर्मल मैनेजमेंट की दिशा समझ आती है।

पावरट्रेन 3-इन-1 सिस्टम है—मोटर, इन्वर्टर और ट्रांसमिशन एकीकृत। टॉप स्पेक पर आउटपुट 210 kW (लगभग 281 bhp) और 380 Nm तक जाता है। 0-100 किमी/घंटा में BE 6e 6.7 सेकंड और XEV 9e 6.8 सेकंड का समय लेती है। BE 6e की टॉप स्पीड 202 किमी/घंटा बताई गई है। ड्राइविंग मोड्स में रेंज, एवरीडे और रेस शामिल हैं—तीनों में थ्रॉटल रिस्पॉन्स, रिजनरेटिव ब्रेकिंग और क्लाइमेट लोड जैसी चीजें बदलकर ड्राइव का नेचर शिफ्ट होता है।

INGLO प्लेटफॉर्म तकनीकी रूप से फ्रंट-व्हील, रियर-व्हील और ऑल-व्हील ड्राइव को सपोर्ट करता है। शुरुआती वेरिएंट्स रियर-व्हील ड्राइव के साथ आएंगे, जो बैलेंस्ड डायनामिक्स और बेहतर टर्न-इन फील देता है। आगे चलकर AWD की संभावना खुली रहती है, खासकर अगर परफॉर्मेंस या ऑफ-रोड केंद्रित वेरिएंट आएं।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के हिसाब से दोनों SUVs 175 kW तक की DC फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती हैं। किसी संगत फास्ट चार्जर पर 20% से 80% तक चार्ज होने में लगभग 20 मिनट लगते हैं—हाइवे स्टॉप को छोटा करने के लिए इतना काफी है। AC चार्जिंग में 13A (करीब 3.2 kW), 7.2 kW और 11.2 kW के विकल्प दिए गए हैं। होम वॉलबॉक्स (7.2/11.2 kW) पर पैक के अनुसार 6 से 8.7 घंटे में फुल चार्ज हो सकता है, यानी रातभर की चार्जिंग रूटीन आराम से सेट हो जाती है।

सेफ्टी और फीचर्स में महिंद्रा ने बेसलाइन ऊंचा रखा है। ABS, मल्टीपल एयरबैग्स, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल और चार लेवल की रिजनरेटिव ब्रेकिंग मिलती है। रिजन के चार स्टेप सिटी और हाइवे दोनों पर फायदेमंद होते हैं—ट्रैफिक में वन-पेडल जैसा फील, और ढलान पर कंट्रोल बेहतर। प्लेटफॉर्म की इलेक्ट्रॉनिक आर्किटेक्चर ओवर-द-एयर अपडेट्स जैसी चीजें सपोर्ट करती है, इसलिए लंबे समय तक सॉफ्टवेयर ट्यूनिंग और फीचर ऐड-ऑन की गुंजाइश रहती है।

आकार और स्पेस के हिसाब से कौन-सा मॉडल आपके काम का है? रोजाना शहरी ड्राइव, लिमिटेड पार्किंग और छोटे परिवार के साथ BE 6e ज्यादा सेंस बनाती है। लंबा व्हीलबेस, बड़ा बूट और फ्रंक इसे वीकेंड टूरिंग में भी सक्षम बनाते हैं। दूसरी तरफ XEV 9e में केबिन की चौड़ाई, बूट वॉल्यूम और रोड प्रेजेंस ज्यादा है, इसलिए बड़े परिवार या हाईवे-केंद्रित यूजर्स के लिए यह सेटअप ज्यादा संतुलित लगता है।

कंपटीशन पर नजर डालें तो BE 6e सीधे MG ZS EV और आने वाली Hyundai Creta EV, Maruti eVX और Tata Curvv EV के साथ क्रॉस-शॉप होगी। ZS EV जहां प्रैक्टिकलिटी और ब्रांड ट्रस्ट पर खेलती है, वहीं Creta EV की ताकत होगी नेटवर्क और फैमिलियारिटी। महिंद्रा ने रेंज और चार्जिंग स्पीड दोनों पर जोर देकर अपनी तरफ गेंद खींची है। XEV 9e, बड़े सेगमेंट में, आने वाले Harrier EV और Safari EV से टकराएगी—इन कारों में केबिन स्पेस और रोड-ट्रिप कम्फर्ट मुख्य निर्णायक होंगे।

भारत में 175 kW DC चार्जर अभी मेट्रो शहरों, कुछ हाईवे कॉरिडोर और चुनिंदा हब तक सीमित हैं। ऐसे में होम चार्जिंग का सेटअप सबसे भरोसेमंद रहता है—7.2 kW वॉलबॉक्स अपग्रेड रूटीन को सुचारू करता है। लंबी ट्रिप की योजना बनाते समय 20%–80% खिड़की में चार्जिंग स्टॉप तय करना प्रैक्टिकल रहता है, क्योंकि बैटरी इसी रेंज में सबसे तेजी से चार्ज होती है।

ड्राइविंग मोड्स और रिजन सेटिंग्स का सही इस्तेमाल भी रेंज मैनेजमेंट में मदद करता है। रोजाना के लिए एवरीडे मोड और मीडियम रिजन पर्याप्त रहते हैं। हाईवे पर रिजन को हल्का रखना और स्पीड को स्थिर रखना बैटरी का बेहतर इस्तेमाल कराता है। शहर में रेंज मोड, खासकर भीड़भाड़ वाले हिस्सों में, HVAC और थ्रॉटल मैपिंग को थोड़ा कंजर्वेटिव बनाकर अतिरिक्त किलोमीटर निकाल देता है।

महिंद्रा की स्ट्रैटेजी दो-तरफा दिखती है—कीमत को कंपीटिटिव रखना और प्रीमियम फीचर सेट के साथ वैल्यू दिखाना। ऑन-रोड एंट्री प्राइस BE 6e को मास-अपील देता है, जबकि XEV 9e टॉप-स्पेक पर फीचर्स और परफॉर्मेंस चाहने वाले खरीदारों को टारगेट करती है। 5,000 यूनिट्स/माह का प्रोडक्शन लक्ष्य यह भी बताता है कि कंपनी सप्लाई और डिलीवरी टाइमलाइन को नियंत्रण में रखना चाहती है ताकि शुरुआती हाइप के बाद वेटिंग न बढ़े।

जो खरीदार अभी रिसर्च कर रहे हैं, उनके लिए चेकलिस्ट सीधी है—आपकी रोज की किलोमीटर रन, घर या ऑफिस में AC चार्जिंग की सुविधा, हाईवे पर फास्ट चार्जर तक पहुंच, और परिवार का आकार। इन चार बातों पर टिक कर लें तो 59 kWh और 79 kWh के बीच चुनाव आसान हो जाता है: छोटी बैटरी शहर और मिक्स्ड यूज के लिए पर्याप्त है, बड़ी बैटरी हाईवे-हैवी यूजर्स और कम चार्जिंग स्टॉप चाहने वालों के लिए बेहतर है।

फीचर सेट, परफॉर्मेंस, चार्जिंग स्पीड और रेंज के कॉम्बिनेशन के साथ BE 6e और XEV 9e ने भारतीय EV मार्केट में नई बेंचमार्क सेट करने की कोशिश की है। अगले कुछ महीनों में जैसे-जैसे टेस्ट ड्राइव शुरू होंगी और बुकिंग खुलेंगी, असली कसौटी होगी—रियल-वर्ल्ड एफिशिएंसी, थर्मल मैनेजमेंट, और लंबी अवधि में सॉफ्टवेयर की विश्वसनीयता। अभी के लिए, महिंद्रा ने एंट्री दमदार कर दी है—दो साइज, दो बैटरी, और एक ही लक्ष्य: प्रीमियम EV को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना।

एक टिप्पणी लिखें